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राजलक्ष्मी ने चट से मेरे मुँह को अपने हाथ से दबा दिया। कहा, “अगर और कुछ ज्यादा कहा, तो पैरों में सिर पटककर मर जाऊँगी।” फिर खुद ही अप्रतिम हो हाथ ...